उसके बाद 2009 में हम सबके सामने धूम मचाने आया 3g| इंटरनेट सर्विस का लाभ 3g मोबाइल फोन के द्वारा ले सकते थे इस नेटवर्क ने इंटरनेट की दुनिया को काफी fast कर दिया पहले कोई e-mail करने में काफी समय लगता था तथा किसी मोबाइल या कंप्यूटर पर किसी वेबसाइट को ओपन करने में slow speed
का सामना करना पड़ता था वहीं इस 3G नेटवर्क के जरिए यह काम second में होने लगा इस सर्विस के जरिए मोबाइल में कॉल करने के साथ voice call करना भी आसान हो गया| लैपटॉप पर अच्छी स्पीड के साथ वॉइस कॉल तथा चैट करना भी संभव हो गया लेकिन एक और जहां स्पीड के मामले में अच्छा था तो वहीं दूसरी जगह इस 3G सर्विस का लाभ लेने के लिए 3g सेवा प्रदाता कंपनी को अच्छी खासी पैसे चुकाने पड़ते थे जहां तक इसकी स्पीड की बात की जाए तो इसकी स्पीड 20mbps की थी इसकी download speed 5mbps की थी
वहीं भारत में अभी पूरी तरह 3G सर्विस की शुरूआत भी नहीं हुआ था इसी बीच 4G 2015 में दुनिया के सामने आया| 3G के मुकाबले 4G की स्पीड 7 से 10 गुना ज्यादा थी जो कि अपने आप में ठीक है 4G की speed 4G सेवा प्रदाता कंपनी के मुताबिक 100mbps की है आनन-फानन में अपने देश में भी सभी टेलीकॉम कंपनी ने इस 4G सेवा भारत में start कर दिया| इस 4g तकनीक से इंटरनेट की दुनिया में काफी बदलाव आया इस तकनीक से इंटरनेट पर काम करने की स्पीड काफी तेज हो गई जहां आप पहले की तकनीक से किसी मूवी को डाउनलोड करने में कई घंटों का इंतजार करना पड़ रहा था वहीं इससे कुछ मिनटों में ही डाउनलोड होने लगा| गेमिंग की दुनिया में काफी बदलाव आया गेमिंग के शौकीन लोगों के लिए यह तकनीक एक वरदान साबित हुआ इसके द्वारा high
resolution के game खेलना संभव हो पाया| वीडियो कॉल करने के साथ-साथ इसकी sound क्वालिटी में भी सुधार हुआ इस तकनीक ने यूजर्स को पुराने अवधारणा को ही बदल कर रख दिया लेकिन जैसे जैसे हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जिस तरह लोग तकनीक पर और मोबाइल पर निर्भर हो रहे हैं वहीं इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है जिस वजह से हम स्लो स्पीड का सामना करना पड़ रहा है इस समस्या को दूर करने के लिए पूरी दुनिया के वैज्ञानिक 5G तकनीक को विकसित करने के कगार पर हैं लेकिन लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि जिस तरह से तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं जो सभी तकनीक ऑनलाइन हो रही है क्या हमारी उस उम्मीदों पर खरा उतर पाएगी? क्या हम 5G तकनीक real-time इनफार्मेशन दे पाएगी और भारत में यह तकनीक का प्रयोग कर पाना कब तक संभव हो पाएगा
5G kya hai?
जैसा कि आप जानते हैं कि 5g वायरलेस नेटवर्क की 5 जनरेशन है| 5G की नेटवर्क में 4G के मुकाबले आपको 100 गुना से भी ज्यादा स्पीड मिल सकती हैं या स्पीड की बात करें तो 20gbps तक या उससे अधिक की स्पीड से डाटा को वायरलेस ब्रॉडबैंड के माध्यम से ट्रांसफर करना संभव हो पाएगा| 5G से पहले जहां 4G या 3G में जो टावर 2 किलोमीटर की दूरी पर होते थे और उसमें बड़े एरिया में मोबाइल फोन या अन्य डिवाइस भी उस टावर के माध्यम से इंटरनेट से जुड़े होते थे जिससे कि उसे टावर से होकर जाने वाला डाटा की स्पीड कम हो जाती थी जिसे रिस्पांस time काफी बढ़ जाता था 5G में इस पर बहुत ही बारीकी से ध्यान दिया जा रहा है इस तकनीक पर 100 से 250 मीटर की दूरी पर टावर या नेटवर्क सेंटर बनाए जाने की आवश्यकता होगी जिसे की डाटा को प्रकाश की चाल से ट्रांसफर किया जा सके चीन की एक कंपनी ख्वाब कंपनी 5g की तकनीक को विकसित करने के कगार पर हैं कंपनी का दावा है कि 2020 के अंत तक 5g की service शुरू कर सकती है यह तकनीक low latency की होती है कंपनी के मुताबिक इसका रिस्पांस टाइम 1 micro second होता है यानी कि इंटरनेट पर आपको क्लिक करने के बाद एक micro second के अंदर रिजल्ट मिल जाएगा |
आने वाले 5 जी के दौर में जहां लोग 5G मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे होंगे वहीं रोड पर चलते हुए गाड़ियां एक दूसरे से आपस में संपर्क कर सकेंगे और उन गाड़ियों को अपने आसपास की मौजूद सभी गाड़ियों की स्थिति की जानकारी भी होगी तथा गाड़ियां आपस में एक दूसरे से बात भी कर सकेंगे तथा गाड़ियां किसी भीड़-भाड़ इलाके या किसी चौराहे के सामने से आने वाली गाड़ियों की स्थिति व उसकी स्पीड को मालूम कर अपने आप को कंट्रोल कर पाएंगे
5G के द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में काफी चमत्कार होने की उम्मीद है कंपनी का दावा है कि जहां आज के दौर में रोबोटिक आर्म से ऑनलाइन सर्जरी करना बहुत मुश्किल होता है वही 5G के आ जाने से रियल टाइम में रोबोटिक आर्म्स की मदद से दुनिया में कहीं भी बैठे डॉक्टर कहीं की मरीज की सर्जरी कर सकते हैं ऐसा इसलिए संभव हो पाया है कि इसमें low
latency तकनीक का इस्तेमाल किया गया है इससे पहले इस तकनीक का इस्तेमाल रडार, हवाई जहाज व सैटेलाइट में किया जा रहा था वैसे तो इसकी सुविधाओं की लिस्ट बहुत बड़ी है हमें यह देखना है कि 5G तकनीक हमारे जीवन में कितना कारगर साबित हो सकता है
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